तब मेरे पास चले आना !!!

जब रात अँधेरी हो जाये तब मेरे पास चले  आना।
जब गम के बादल छा जाये तो मेरे पास चले आना ।
मिट जाये ये रूप तुम्हारा साथ छोड़ दे दुनिया सारी
जब मौसम भी बेगाना हो जाये  तो मेरे पास चले आना ।
जब दिल भर जाये रो - रो कर कोई न पोछे तेरे आंसू 
जब हवा भी चुभने लग जाये  तो मेरे पास चले आना । 
 जब यादें तुझको तडपायें ,रात अकेली हो जाये   
जब दिन कटना मुश्किल हो जाये तो मेरे पास चले आना ।
जब चाँद भी हंसने लग जाये, जब प्यार भी तुझको तरसाए 
कही भूल से मेरी याद आ जाये तो मेरे पास चले आना ।

पूर्णिमा की याद आई !!!

आज फलक पर चाँद पूरा निकला तो पूर्णिमा  की याद  आई ।
 आज फिर गाँव  का पीपल चांदनी में  नहाया तो पूर्णिमा  की याद आई।
इंतजार करते  दीपक बुझ से गए थे अंधेरो  में डूबे थे आशियाने 
आज रात  सूने  आँगन को चमकते देखा तो  पूर्णिमा  की याद आई।
 वादियों की खामोशियाँ हवाओ का बिना आवाज किये गुजर जाना
आज परियो की झंकार से  वादियों को झूमते देखा तो पूर्णिमा की याद आई।
 सुबह से चमकता सूरज था और शाम  का सुहाना मौसम 
मगर आधी  रात  होने को आई और  चाँद न निकला तो पूर्णिमा की याद  आई ।