कभी आओ !!!

कभी आओ , सारे बंधन , सारे रिश्ते तोड़ कर आओ |
इधर उधर तुम क्यों देखो , मै यहाँ हूँ , वहां कहाँ
अगर भटक गयी हो , मुझे भूल गयी हो तो
खुद से पूछो , रास्तो से पूछो , बीते दिनों से पूछो
मुझे , मेरे बारे में , तुमसे रिश्ता क्या है मेरा
वो ना बताएं ना सही , तुम तो याद करो जब
कुछ टूटे-फूटे लब्ज , कुछ आंसू ,और एक वादा
मेरी अमानत ,जो तुमने दी थी मुझे, जाते वक़्त
कभी कुछ याद आ जाए तो आओ , मेरे पास आओ |
सारे बंधन , सारे रिश्ते सब कुछ तोड़ कर आओ |

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