अफ़सोस मत कर मेरे यारा !!!

कोई भीड़ में रोता है तो कोई तन्हाई में हँसता है मेरे यारा |
तू भी अब सोच मत, जिन्दगी जैसी है बस जी ले मेरे यारा |
माना वो बहुत खूबसूरत थे, तेरे अपने थे, मगर अब क्या हो ?
वो सपने दिन के थे और अब तो साँझ हो गयी है मेरे यारा |
यकीनन वो बादल फिर से आयेंगे और बरसेंगे झूम-झूम कर
जो बिखर गये पानी बनकर, उनका अफ़सोस मत कर मेरे यारा |
और ये यादों की साजिश तो सदियों से रचता आया है ये जहाँ,
भूलकर सब तू आगे बढ़ता जा, पीछे मुड़ कर न देख मेरे यारा |