तुम जो छोड़ जाओगी घर को..!!!


न चूड़ियों की खनखन होगी
न पायलों की छनछन होगी 
तुम जो छोड़ जाओगी घर को 
न बालियों की चमचम होगी !
दरवाजा चरमराकर रह जायेगा 
दरो-दीवारों की रंगत उतर जायेगी
रात चाँद खिड़की पर क्यों आएगा 
रात भर घर में रौशनी न होगी 
न सहर में फूलों पर शबनम होगी !
       तुम जो छोड़ जाओगी घर को.......

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